Neeraj Chopra Biography in Hindi - An Overview

नीरज चोपड़ा मिल्खा सिंह, कृष्णा पनिया और विकास गौड़ा के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले चौथे व्यक्ति हैं।

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नीरज के पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है।

वह अपने गांव के वरिष्ठ थ्रोअर (जेवलिन थ्रो) को देखकर प्रेरित हुए थे।

यदि आप नीरज चोपड़ा की यात्रा और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो उनके सोशल मीडिया पेज को जरूर देखें। नीरज अपने खेल जीवन, प्रशिक्षण सत्रों, और व्यक्तिगत जीवन की झलकियाँ अपने फैंस के साथ साझा करते रहते हैं।

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मिल्खा सिंह, कृष्णा पूनिया, विकास गौड़ा के बाद नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है, वे ऐसे चौथे व्यक्ति हैं ।

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Tokioko Olinpiar Jokoetan urrezko domina eskuratu zuen. Olinpiar Jokoetako atletismo proba batean Indiarentzako aurreneko urrezko domina lortu zuen kirolaria izan zen[five], eta orokorrean lorturiko bigarren urrezko domina.

प्रश्न – नीरज चोपड़ा के कोच Neeraj Chopra Biography in Hindi का क्या नाम है ?

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नीरज चोपड़ा विश्व चैंपियनशिप में भाला फेंक वर्ग में चौथे स्थान पर हैं और उन्होंने कई पदक और पुरस्कार भी जीते हैं.

नीरज चोपड़ा ने अपनी इस बुलंदी तक पहुंचने के लिए अनेकों प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त किए और नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के दिग्गज जैवलिन थ्रो खिलाड़ी उवे होन के अंतर्गत रहकर सीखा। नीरज चोपड़ा ने जिस कोच से जैवलिन थ्रो सीखा था, वह एक सेवानिवृत्त जर्मनी ट्रैक और फील्ड एथलीट थे, जिन्होंने भाला फेंकने में भाग लिया था।

टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद उन्होंने अपनी उपलब्धि को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को समर्पित कर दी।

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